E-Book

Jeevan Ka Aadhyatmik Satya
(Bhagavad Gita, Ved Aur Upanishadon Ke Drishtikon Se Atma Ka Utthan)

इस पुस्तक में आध्यात्मिकता, भक्ति, योग, ज्ञान और मोक्ष की सूक्ष्मताओं पर आम आदमी की भाषा में चर्चा की गई है। इसमें भगवद्गीता, वेद, उपनिषद, संतों के साहित्य और कई अन्य आध्यात्मिक विरासतों की शिक्षाओं को विस्तार से समझाया गया है। इस पुस्तक का सार यह स्पष्ट करना है कि पाठक के लिए सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न क्या है: जीवन का वास्तविक अर्थ क्या है और इसका मुख्य उद्देश्य क्या है, ताकि पाठक तब आत्म-साक्षात्कार और आध्यात्मिक शांति का अनुभव कर सके। इस पुस्तक में भगवद गीता के कुछ प्रसिद्ध श्लोकों की व्याख्या है, जो व्यक्ति के दैनिक जीवन में कर्म योग, ज्ञान योग और भक्ति योग की प्रासंगिकता पर जोर देते हैं। गीता कहती है, आत्मा शाश्वत और चिरस्थायी है; इसका अंतिम गंतव्य सर्वोच्च सत्ता में विलीन होना है। वेद और उपनिषद हमें इस दिशा में यह संकेत देकर प्रबुद्ध करते हैं कि आत्म-साक्षात्कार ही जीवन का अंतिम लक्ष्य है।